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Article on Colours in Hindi

AchchiKhabar.Com: Article on Colours in Hindi

Thursday 16 June, 2011

Article on Colours in Hindi

ColourWheel

हर रंग कुछ कहता है.

जितनी खूबसूरत हमारी यह रंगीन दुनिया है, उतनी ही विलक्षण इन रंगो की दुनिया है.बचपन मॅ हमॅ सिर्फ उन सात रंगॉ के नाम सिखाये जाते है जो हम इन्द्रधनुष मॅ देख सकते है.परंतु,सच तो यह है कि हम रंगो को किसी संख्या या गणना मॅ सीमित नहीं कर सकते.रंगो कि कोइ गिनती नही होती क्योकि इस दुनिया मॅ असंख्य रंग है.इसका कारण यह है कि किन्ही भी दो रंगो को मिला कर हम एक तीसरा रंग बना सकते है,और उन दो रंगॉ की मात्रा मॅ फेर-बदल कर के हम अनेक रंग बना सकते है.इस तरह हम अलग-अलग combinations से असंख्य रंग बना सकते है.
इसी बात को हम थोडा विस्तार मॅ देखते है.रंगो को हम मूलतः तीन वर्गो मॅ बाँट सकते है. ये है - Primary,Secondary, और Tertiary Colours

(1) Primary Colours:- Primary colours वे रंग है जिन्हॅ हम दूसरे रंगो की मदद से नही बना सकते है. ये रंग है - लाल,पीला,और नीला .ये तीन रंग बेस या foundation रंग है जोकि किसी भी रंग को मिला कर नहीं बनाये जा सकते है. परंतु,इन तीन रंगो के माध्यम से हम नाना प्रकार के रंग बना सकते है.
ये primary colours यानि कि लाल,पीले,और नीले रंग एक साथ इस्तेमाल करने पर विविध और आकर्षक लगते है .ये रंग तीव्रता,रफ्तार,और आपातकाल यानि कि emergency को सूचित करते है.
(2)Secondary Colours:-किसी भी दो primary colours को समान मात्रा मॅ मिलाने से जो नया तीसरा रंग बनता है उसे secondary colour कहते है.तीन primary colours को समान मात्रा मॅ मिलाने से तीन combinations होते है जिनसे तीन नये secondary colour बनते है.:-
लाल + पीला = नारंगी.
पीला + नीला = हरा
लाल + नीला = बैंगनी.
colour wheel मॅ  secondary colours उन दो primary colours के बीच मॅ होतॅ है जिनके मेल से secondary colour बनते है.
(3) Tertiary Colours:- tertiary colours "in-between" रंग होते है.ये रंग एक primary colour और उस के समीप वाले एक् secondary colour  के मेल से बनते है.primary या  secondary रंग के मात्रा या proportion मॅ फेर-बदल कर के हम अनेकानेक  tertiary colour बना सकते है. reddish-orange,yellowish-orange,yellowish-green,bluish-green,reddish-violet,bluish-violet - मूल tertiary colours  होते है.

ये रंग न केवल आप्के जीवन मे अपनी छटा बिखेर कर उसे खूबसूरत बनाते हैं,बल्कि यही रंग आपके मन,मस्तिष्क ,भावनाओ और स्वभाव पर भी अपना असर दिखाते हैं.आपके पसन्दीदा रंग आपके व्यक्तित्व को भी दर्शाते हैं.इसी वजह से मनोविज्ञान मे रंगो का अपना एक अलग महत्व है.रंगो से मनुष्य की भावनाओ पर होने वाले प्रभावो के अनुसार रंगो को दो भागो मे विभाजित किया जा सकता है:-
(1)   Warm Colours:- ये रंग गर्माहट और उष्णता का आभास कराते हैं.ऐसे रंग उत्साह,और सुरक्षित होने की भावना के साथ साथ गुस्सा और उत्तेजना भी बढा सकते हैं.लाल,पीले,नारंगी,और भूरे रंगो को हम warm colours  कह सकते हैं.ऐसे रंगो को हम सूरज,रौशनी दोपहर,और सांझ से जोड सकते हैं. warm colours  ही सबसे पहले हमारा ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
(2)   Cool Colours:- ये रंग इन्द्रियो को शान्त करने वाले,स्वास्थ्यवर्द्धक ,निश्चल,स्थिर,आरामदायक,और ठंडक प्रदान करने वाले होते हैं.इन रंगो को हम पानी,वायु,प्रकृति और पेड-पौधो के सन्दर्भ मे देख सकते हैं.अतः नीले,हरे,और बैंगनी रंग इस वर्ग के अंतर्गत आते हैं.कुछ लोग ग्रे या स्लेटी रंग को भी इसी श्रेणी मे रखते हैं.

इस वर्गीकरण को हम विस्तार से प्रत्येक रंग के सन्दर्भ मे देखते हैं. हर रंग अपने अन्दर कुछ विशेष्ताओँ को समेट कर रखता है जिनका सीधा असर मनुष्य पर पडता है.यह असर सकरात्मक और नकरात्मक दोनो प्रकार से हो सकता है.इसी वजह से product packaging, logo designing और  interior designing के क्षेत्र मे इस्तेमाल किये गये रंगो पर खास ध्यान दिया  जाता है.

(1) लाल रंग:- लाल रंग physical reactions से जुडा है.यह रंग खतरा ,तीव्रता,और उत्तेजना का सूचक है.जहाँ एक ओर यह रंग साहस,शक्ति,और उत्साह बढाता है ,वही दूसरी ओर यह  defiance और  rebellion यानि आज्ञा का उल्लंघन करने की प्रवृति को भी बढाता है.अन्य रंगो की तुलना मे यह रंग सबसे पहले अपनी ओर ध्यान केन्द्रित करवाता है.इसी कारणवश लाल रंग विश्व स्तर पर  traffic lights मे इस्तेमाल किया जाता है.
(2) नीला रंग:- नीले रंग का असर मस्तिष्क पर पडता है.यह रंग आरामदायक, soothing और relaxing है.यह रंग बुरे सपनो और ख्यालो को दूर करता है और आपस मे परस्पर विश्वास,त्याग,और समर्पण की भावना को बढाता है.इसके साथ-साथ यह रंग बौद्धिक क्षमता और ध्यान एकाग्र करने की क्षमता को भी बढाता है.
(3)पीला रंग:- यह रंग हमारी भावनाओ से सीधा जुडा हुआ है.मनोविज्ञान मे इसे सबसे ताकतवर और tricky रंग माना जाता है.जहाँ पीले रंग का सही शेड सकरात्मकता,रचनात्मकता, confidence,स्वाभिमान,और मित्रता की भावना को बढाता है,वही इसी रंग का गलत शेड डर,अवसाद,और रोग-व्याधि का परिचायक होता है.
(4)हरा रंग:- यह रंग शारीरीक संतुलन और सामंजस्य का प्रतीक है.यह रंग शांति,प्यार,एकता बढाता है.माना जाता है कि इस रंग मे rejuvenating and healing qualities हैं जोकि आँखो को सुकून पहुँचाती है औत ताज़गी का अहसास दिलाती है.
(5)बैंगनी रंग:- इस रंग के मत मे एक striking contrast देखा जाता है.यह रंग शाही और जादुई माना जाता है जोकि सांसारिक सम्पन्नता ,धन,ऐश्वर्य,और विलासिता को सूचित करता है.परंतु इसके विपरित ,यह रंग पार्लौकिक ,धार्मिक,और आध्यात्मिक जागरूकता को बढाता है और इनसे सम्बन्धित विचारो और द्रष्टिकोण को मुखर करता है.

Colour Wheel मे पाये जाने वाले अनेक रंगो के अलावा भी कुछ रंग होते है. ये रंग हैं:- काला.सफेद और ग्रे या स्लेटी रंग.
(1) काला रंग:- यह रंग हर रंग को सोख लेता है,और कोइ भी रंग reflect नही करता.इसीलिये यह रंग हमें काला दिखता है.यह रंग  sophisticated और glamorous
माना जाता है.परंतु यही रंग मुसीबत,खतरा,अवसाद,डर,और भावनाओ के अभाव को भी दर्शाता है.
(2) सफेद रंग:- यह रंग हर रंग को reflect करता है इसीलिये  सभी रंग एकज़ुट हो कर सफेद  दिखाई पडते हैं.यह रंग साफ,स्वच्छ,निर्मल,शुद्धता और शांति का प्रतीक है.
(3) ग्रे/स्लेटी रंग:- यह रंग energy और confidence के अभाव,डर और अवसाद को सूचित करता है.
 
  Author -विचित्रा अग्रवाल (भज्जनका)
 
AchchiKhabar.Com is grateful to Vichitra Agarwal for sharing this useful article on Colours in Hindi.We appreciate your efforts. I am pretty sure that this is the best article on colours in Hindi on Internet.Thanks a lot.

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8 Comments:

At Thursday, June 16, 2011 , Blogger Gopal Mishra said...

Thanks Vichitra for such a comprehensive and beautiful article on COLOURS.

 
At Thursday, June 16, 2011 , Blogger प्रवीण पाण्डेय said...

कोउ मोहे रंग दे साँवरिया के रंग।

 
At Thursday, June 16, 2011 , Blogger Chandan said...

Very Interesting Article .....Thanks

 
At Friday, June 17, 2011 , Anonymous ram said...

really very nice, truth article.

 
At Friday, June 17, 2011 , Blogger Deepak Saini said...

बेहतरीन लेख

 
At Friday, June 17, 2011 , Blogger ZEAL said...

nice & informative article. Thanks.

 
At Wednesday, June 22, 2011 , Blogger virendra sharma said...

रंगों का विज्ञान ,मनो -विज्ञान ,सामाजिकता ,मांगलिकता (हमारे यहाँ हर अवसर के लिए रंग हैं ,रंगों का त्यौहार होली है ,काला अवसाद तो हरा सुकून शान्ति का रंग है .बसंत के अपने रंग हैं ).प्रेम के अपने रंग हैं -श्याम रंग में रंगी चुनरिया अब रंग दूजो भावे न ,जिन नैनं में शाम बसें हैं और दूसरो आवे न ।
कलर त्राइएन्गिल ,कलर वील की सुन्दर व्याख्या की गई जो फाटो ग्रेफ़ी का आधार है .इंटिरीयर डिज़ैनिंग रंगों का अपना माया जाल लिए रहती है और आधुनिक कला का रंग महल तो खडा ही रंगों पर है .कहीं चटक कहीं उदास मन की तमाम अभिव्यक्ति ,भ्रम रंग लिए रहतें हैं ।
रंग चिकित्सा (कलर थिरेपी )भी इधर की जा रही है .सुन्दर आलेख के लिए आभार ,बधाई .

 
At Thursday, June 30, 2011 , Anonymous Anonymous said...

thanx for this comprehensive article on colors..

 

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